Bagaha : गीता इच्छाओं से आसक्ति दूर करना चाहती है न कि कर्म से - आचार्य निरज कुमार शांडिल्य 

न्यूज़ 9 टाईम्स पश्चिमी चंपारण बगहा से नवल ठाकुर की ब्यूरों रिपोर्ट:-

बगहा अनुमंडल अंतर्गत मधुबनी प्रखंड स्थित राजकीय कृत हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज के पूर्व प्राचार्य पं-भरत उपाध्याय गुरु जी की प्रेरणा से आज मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि को गीता जयंती के रूप में आदि काल से मनाया जाता रहा है।भगवान योगेश्वर का अर्जुन के प्रति उपदेश आज ही के दिन प्रारंभ हुआ,उन उपदेशों के संग्रहण को, मूल संविधान गीता कहते हैं, यह एक पूर्ण दर्शन, न्याय, मीमांसा, जीवन, संस्कार, कर्म, अकर्म, सत्य, असत्य, मानवतावाद, अद्वैत, परम पुरुष सर्वश्रेष्ठ अनिर्वचनीय,, धर्माधर्म के साक्षात् रूप श्री कृष्ण का सर्व प्रिय ग्रन्थ हैं जिसे हम सभी को आत्म तत्व ज्ञान हेतु अवश्य पढ़ना चाहिए। यह उद्बोधन संस्कृत आचार्य नीरज कुमार शांडिल्य ने बच्चों को दिया। साथ ही विद्यालय के पुस्तकालय अध्यक्ष राजेश रमन सिंह  को एकादश (११) गीता की पुस्तकें पुस्तकालय हेतु सप्रेम भेंट किया, जिससे बच्चें लाभान्वित होते रहेंगे। सबको इसको पढ़ने के लिए प्रेरित किया।साथ ही संगीत के लोकप्रिय शिक्षक  नितिन जी ने कृष्ण के प्रति भजन व गीता का गान कराया। अन्त में विद्यालय के प्राचार्य संतोष त्रिपाठी ने,, योगस्थ कुरु कर्माणि,,, का उपदेश देते हुए स्व कर्म अकर्म का ध्यान रखते हुए अध्ययन करने योग्य बातें बताएं,, फिर सभी शिक्षकों और बच्चों को गीता जयंती की साधुवाद संप्रेषित किया गया।यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भवति भारत।इत्यादि अनेकानेक श्लोकों का वाचन भी बच्चों व शिक्षकों से कराया गया।सभी ने उत्तम प्रेरणा हेतु गुरु जी से दूरभाष से आशीर्वाद प्राप्त किए।नमो भगवते वासुदेवाय गान के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। 



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ